Yug Purush

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अंतरिक्ष: A LONER... भाग -1


भाग -1 ~ RISE 


Day-1~Rise

पृथ्वी ~ हमारे सपनो का जहां, पर मुझे हमेशा से इस जगह से नफरत थी और जब पृथ्वी पर मेरे रहने की आखिरी वजह मेरी माँ भी  दो हफ्ते पहले चल बसी तो एक पल भी इस जगह पर रहना मेरे लिए मुश्किल था और आज मुझे फाइनली इस जगह से मुक्ति मिल रही थी । मैं आज इस शापित दुनिया को छोड़कर जा रहा था । 


T-3 Hours, सोयुज़ स्पेस शटल के लांच होने से तीन घंटे पहले

ये वो समय था, जब मेरा सफर ISS(इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन ) के लिए शुरू हुआ । सोयुज़ स्पेस शटल के पृथ्वी से लांच होने के तीन घंटे पहले... जब मै, Nicodemus और Omar लांचपैड के लिए निकले । हम तीनो ही बहुत उत्साहित थे और होते भी क्यूँ नहीं, सपना था ये हमारा ।   उन दोनों के अंतर्मन में क्या था , मैं ये तो पूरी तरह नहीं बता सकता , पर यदि बात करू अपनी तो... मुझे हमेशा से ही इस शापित पृथ्वी, जिसने मेरा सब कुछ छीन लिया... इससे कही ज्यादा  अंतरिक्ष के खालीपन से लगाव था, जिसे Empty Space भी कहते है । 


“Pilot Omar to Space Center-1 and 2... all checked and cleared...”

“Nic to Space Center-1 and 2... all checked and cleared... AF”


  2 हफ्ते पहले मेरी माँ के गुजर जाने के बाद इस पुरे ब्राह्मांड में ये empty space  ही  एकमात्र ऐसी जगह थी, जहा मैं जाना चाहता था, जिसे मैं महसूस करना चाहता था या फिर सीधे तौर पर कहू तो एकमात्र  यही वो जगह थी... जहा मैं अब रह सकता था । इसलिए मैंने धरती  से अपना आखिरी संवाद किया ...


“This is Aakash to Space Center-1 and 2... all checked and cleared....”   


T-20 Minutes

“Pilot Omar to Space Center. Countdown Resumed . now, closing the Vent Valves... launch confugiration state 1.. 2.. 3.... Space Center -1 & 2. All Cleared...”


“Space Center to Soyuz... You are cleared... Go up there and fill the bloody empty space... Godspeed”  


T-10 Seconds

और जैसे ही 10 सेकंड्स कि उलटी गिनती शुरू हुई , मैं बीत रहे हर एक सेकंड को अपने मन में गिनने लगा । स्पेस शटल के फर्स्ट इंजन के स्टार्ट होते ही पृथ्वी  मानो गूंज उठी और कंपन करते हुए धीरे-धीरे हमें ऊपर उठाने लगी. मुख्य इंजन के स्टार्ट होते ही ये कंपन और भी शक्तिशाली हो उठा । 

सोयुज़ स्पेस शटल के स्पीड बढ़ने के साथ –साथ मेरे दिल की धड़कने भी बढ़ रही थी और जब हम अपनी निर्धारित फुल स्पीड से ऊपर जाने लगे तो ऐसा लगा मानो, जैसे कोई गोरिल्ला कूदकर मेरी छाती पर आ बैठा हो और मेरी छातियो को दबा रहा हो । पर पृथ्वी को छोड़कर  खाली आकाश में जाने के मेरे सुकून के आगे ये गुरुत्वीय दबाव कुछ भी नहीं था । वैसे तो ISS की दूरी पृथ्वी से महज 400 किलोमीटर है , पर  17000 मील प्रति घंटे की रफ़्तार से पृथ्वी की परिक्रमा करते हुए ISS से डॉक (dock ) करना इस दूरी को बहुत बढ़ा देता था और कई बार तो ऐसी भी परिस्थितयां भी हमारे सामने उत्पन्न हो जाती हैं  , जब ISS से डॉक करने में हमें कई दिन लग जाते है । लेकिन हमें कई दिन नहीं लगे । 15:15 को सोयुज पृथ्वी से लांच हुआ और 21:45 को ISS के साथ हमारी docking सफल हुई । 


“welcome on board...”docking के बाद जब हम ISS के अपने मॉडयूल में अन्दर आये तो ऑरोरा हम तीनो से बोली  


Day- 8 ~Aurora

अरोरा...  जिसका एक मतलब ध्रुवीय ज्योति होता है, जिसे अक्सर पृथ्वी के ध्रुवो पर आकाश में प्रकाश के रूप में चमकते हुए देखा जा सकता है । ऑरोरा का नाम सुनते ही मेरे मन –मस्तिष्क में सर्वप्रथम ख्याल उन्ही ध्रुवीय ज्योति का आया । ऑरोरा अमेरिकन एस्ट्रोनॉट थी और पिछले तीन महीनो से ISS में थी, जहा उसे कुछ महीने और गुजारना था. लेकिन वहा ISS में मौजूद उसके साथ वाले तीन  एस्ट्रोनॉट  सोयुज़ में ओमार के साथ वापस लौटने वाले थे और वो लौटे भी । 


यहाँ कई दिन लग गए मुझे और Nic को ISS के परिवेश में खुद ढालने में . जीरो ग्रेविटी में शरीर  के निचले भाग के द्रव  भी हमारे मस्तिष्क की ओर प्रवाहित होने लगते है, जिसके कारण मेरा चेहरा ISS के मेरे शुरुआती दिनों में  हल्का सूज गया था, लेकिन कुछ दिन के बाद मैंने और मेरे शरीर ने यहाँ खुद को एडजस्ट कर लिया था । वैसे भी करता क्यूँ नहीं... यही तो एकमात्र  ऐसी जगह  थी, जहा मुझे अपनी शापित जिंदगी से थोडा सुकून मिलने वाला था और  मिल भी रहा था। 

“Good Morning.....”जब मैं अपने कैप्सूल से निकल  तैरते हुए एक्सरसाइज मॉडयूल में गया तो वहा पहले से मौजूद ऑरोरा मुझसे बोली  


ऑरोरा 35 साल की थी, जिसका तलाक हो चुका था और बाल –बच्चे भी नहीं है । वो youtube पर  ISS के कई demonstration विडियो के कारण वहा नीचे पृथ्वी पर बहुत फेमस हो चुकी है । जहा पृथ्वी पर अब मेरा कोई भी नहीं बचा था , वही इसके उलट नीचे पृथ्वी पर ऑरोरा के लाखो चाहने वाले थे, जो जीरो ग्रेविटी की इस काली दुनिया से उसके वापस लौटने का इन्तजार कर रहे थे, जिसमें उसके लाखो चाहने वालो के साथ –साथ कुछ न्यूज़ चैनल वाले भी थे, जिनके साथ ऑरोरा का इंटरव्यू फिक्स हो चुका था ।   



वो मेरी तरह ही यहाँ ६ महीने के लिए स्पेस स्टेशन में थी, जिसमें से उसके लगभग ३ महीने पुरे हो चुके थे । ऑरोरा, रिसर्च के लिए बने डेस्टिनी लैब के साथ –साथ हम दोनों की भी प्रमुख थी और उसके निर्देश पर ही हमें यहाँ ISS में काम करना था । हमें निर्देश देते वक़्त या हमसे बात करते वक़्त बीच –बीच में जब वो मुस्कुराती तो Nic के अनुसार ... उसकी मुस्कान ऐसी लगती, मानो उत्तरीय ध्रुव पर ध्रुवीय ज्योति ने अपनी दस्तक दे दी हो । ऐसा Nic का कहना था, मेरा नहीं 

 
वही दूसरी ओर  मेरी माँ के गुजर जाने की जो उदासी मेरे अन्दर थी , वो इस empty स्पेस में अब धीरे –धीरे शांत होने लगी थी. खासतौर पर जब ऑरोरा मुस्कुरा कर ऑरोरा बिखेरती उसपर Nic की बचकानी हरकते .... वो अब मुझे मेरे पुरे नाम की बजाय सिर्फ  Mr. A कहता था । 

“Mr. A, here....”अपने बाजुओ को तिरछा –मिरछा घुमाकर अपनी कलाकारी दिखाते हुए Nic ने मुझसे कहा

Nic अक्सर फ्री टाइम में या एक्सरसाइज करते समय जीरो ग्रेविटी में तैरते हुए अपना डांस स्टेप्स मुझे दिखाया करता था, जो रहते तो बहुत बकवास थे.. पर जीरो ग्रेविटी उसे भी आकर्षक बना देती थी ।  



Day-20 ~Nicomdeus

“why did you become an astronaut ? Mr. A..”एक्सरसाइज करने के दौरान Nic ने मुझसे सवाल किया


एक्सरसाइज हमारे लिए बहुत जरूरी था l एक दिन में कम से कम 2 घंटे हम एक्सरसाइज करते थे , ताकि जीरो ग्रेविटी में हमारी हड्डिया और मांसपेशिया कमजोर ना हो । एक्सरसाइज करते हुए जब मैंने Nic  के इस सवाल का कोई जवाब नहीं दिया तो उसने अपना सवाल दोहराया ...

“Mr. A..?”

“you are not the director, Nic... I don’t answer you... ”

“फिर भी जवाब तो देना ही पड़ेगा, मेरे youtube के demonstration विडियो के लिए... इंडियन्स की रिक्वेस्ट है कि मैं तुम पर भी विडियो बनाऊ”ऑरोरा अपना कैमरा लेकर तैरते हुए एक्सरसाइज मॉडयूल में आई , उसके ISS demonstration विडियो में अब हम भी शामिल होने लगे थे और उसे हिंदी भी बहुत अच्छी तरह से आती थी, क्यूंकि उसकी माँ एक भारतीय थी । 


“मुझे नहीं पता की , मैंने ये प्रोफेशन क्यूँ चुना ...”मैंने ऑरोरा को जवाब दिया , जिसपर वो मुस्कुरा उठी


“फिर भी मुझे कोई तो जवाब चाहिए ... नहीं पता के आलावा ..”


“मेरे ख्याल से मैं मैथ और साइंस में बहुत अच्छा था, शायद ... इसलिए ... I don’t know”  


ऑरोरा को मैं वैसे मना  नहीं कर पाया , जैसे की मैंने Nic को कर दिया था. इसलिए बहुत सोचने –विचारने के बाद जो मुझे सुझा, मैंने वो जवाब दे दिया कि मुझे मैथ और साइंस बहुत पसंद था इसलिए मैंने ये प्रोफेशन  चुना । 


“and you Nic…?”कैमरे का रुख Nic की  तरफ करते हुए ऑरोरा उससे पूछी

“well, because... it’s the ....  coolest job ever. Period. Now see this...”ऊपर ISS की छत की तरफ उड़ते हुए  Nic ने कहा और एक backflip मारकर  खुद पर प्राउड फील करने लगा


कभी –कभी तो उसकी हरकते देखकर मुझे लगता है कि  यहाँ भी मैनेजमेंट कोटा रहता है क्या...? वो पक्का मैनेजमेंट कोटा के कारण ही यहाँ ISS में आ पाया है लिए



Day-27  ~Cupola

ISS में मेरा चौथा सप्ताह. अब मेरी बॉडी जीरो ग्रेविटी के हिसाब से पूरी तरह एडजस्ट हो चुकी है । अब कोई भी सिरदर्द या अपसेट स्टोमक जैसी प्रॉब्लम नहीं होती और यदि हमें कोई मेडिकल प्रॉब्लम होती भी है तो जिन ~JIN  नाम का रोबोट उसे सुलझा देता है । बस चिराग घिसो और जिन आपके सामने प्रकट हो जायेगा, “क्या हुकुम मेरे आका” वाली लाइन के साथ. दुसरे शब्दों में कहू तो JIN , ISS में मौजूद हमारे एक रोबोट का नाम है और यदि तीसरे शब्दों में कहू तो मैं अब यहाँ खुश रहने लगा था और होता भी क्यूँ नहीं... ? रहने के लिए विश्व का सबसे  महंगा घर, घुमने के लिए अंतहीन अंतरिक्ष, जहा आप तरह –तरह की परिकल्पनाए तैरते हुए कर सकते है. Nic ने सही कहा था... This is the coolest job…ever.  


ISS में सत्ताईस वाँ दिन और इतने दिनों से मैं एक पल के लिए भी बैठा नहीं हूँ , सिर्फ तैर रहा हूँ । कल मैंने 800 पाउंड्स का वजन अपने एक हाथ से उठा लिया था, ये सब जीरो ग्रेविटी कमाल है और इसी के कारण हम यहाँ चलते नहीं बल्कि हवा में तैरते है । 


कुछ दिनों से हमारे रेडियेटर-1 में कुछ प्रॉब्लम कि रिपोर्ट थी, जिसके कारण ऑरोरा के साथ मैं या फिर Nic हम दोनों में से किसी एक को ISS के बाहर रेडियेटर की  रिपेयरिंग के लिए Spacewalk पर जाना था । अब ये ऑरोरा पर निर्भर करता है कि  वो Spacewalk के लिए किसे चुनती है । मुझे या फिर Nic को...?   ISS में मेरा मिशन रिपेयरिंग या पार्ट्स रिप्लेसमेंट में हेल्प करना और Spacewalk के लिए बने लेटेस्ट स्पेससूट EMV –X की टेस्टिंग करना था । ताकि यदि कोई एस्ट्रोनॉट Spacewalk के दौरान ISS से दूर हो जाए , तो स्पेससूट में लगे शकिशाली  थ्रस्टर की मदद से 17000 मील प्रति घंटे की रफ़्तार से पृथ्वी के चक्कर लगा रहे इस ISS  को वापस पकड़ सके । Nic का मिशन भी यही था, हम दोनों एक –दुसरे के बैकअप थे । 

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1 Comments

Sana khan

27-Aug-2021 12:48 PM

Waah

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